आंखों की सही देख भाल के लिए 30 टिप्स
आंखों की सही देख भाल के लिए 30 टिप्स
![]() |
| आंखे |
हमारे शरीर में पाँच
ज्ञान इंद्रिय (sense organ) है। हमारी आंखें भी इन्हीं में से एक है। आँखें वो
नायाब तोहफा हैं कुदरत का, जिससे
सारी दुनिया की रंगीनी, अच्छी-बुरी सभी चीजें देखी जा
सकती हैं।
आँखें तो सभी प्राणियों को होती हैं, लेकिन
मनुष्य में इसका अलग ही महत्व है।
शरीर का सबसे ज्यादा कोमल अंग आँखें होती हैं, इसलिए इनकी सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है।
शरीर का सबसे ज्यादा कोमल अंग आँखें होती हैं, इसलिए इनकी सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है।
आँखों का काम सिर्फ देखना और देखे हुए संदेश को मस्तिष्क तक पहुँचाना होता है। हमारे पास जो
भी जानकारी है उममे से
ज्यादातर जानकारी हमें आंखों से देख कर प्राप्त हुई है।
आँखें शरीर की खूबसूरती में भी ये सहायक हैं। कवियों ने तो
उपमाएँ देकर आँखों का बखान किया है
अपनी कविताओं, गजलों में। जब जुबान खामोश होती है तो आँखें बोलती हैं अतः आँखों के
बारे में
जानना व इनकी सुरक्षा करना भी जरूरी है। तो चलिए हम जानते है अपनी आंखों के बारे
में।
आँख की बनावट कैसी होती है
| मानव नेत्र |
मानव नेत्र पर एक अत्यंत पतली पारदर्शक झिल्ली (पटल) होती है, उसे स्वच्छ मंडल कहते है । इस पटल से ही प्रकाश नेत्र में प्रवेश करता है । नेत्र में प्रवेश करने वाली प्रकाश किरणों का अधिकतम अपवर्तन इसी पारदर्शक पटल अर्थात स्वच्छ मंडल द्वारा होता है ।
इस के पीछे एक गहरा (पेशीय) डायफ्राम होता है, उसे परितारिका
कहते हैं । भिन्न-भिन्न व्यक्तियों मे परितारिका का रंग भिन्न-भिन्न होता है ।
परितारिका के मध्य भाग में एक बदल सकने वाले व्यास वाला सूक्ष्म छिद्र होता है, उसे नेत्र की पुतली कहते हैं । पुतली नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश की तीव्रता को नियंत्रित करने में उपयुक्त होती है ।
और अधिक जानकारी के लिए लेंस पढ़े
| मानव नेत्र की रचना |
यदि प्रकाश की तीव्रता अधिक हो तो पुतली के स्नायु संकुचित होते हैं तथा मंद
प्रकाश मे पुतली के स्नायु में प्रसरण होता है ।
पुतली के पृष्ठ भाग पर एक पारदर्शी उभार होता है, जिसे नेत्र गोलक कहते
हैं । नेत्र के पुतली के बिलकुल पीछे पारदर्शक द्विउत्तलीय केलासीय भाग होता है
। वह लेंस है । केलासीय लेंस आवश्यक नाभ्यांतर की दूरियों मे सूक्ष्म समायोजन करता
है, जिसके कारण नेत्र पटल पर वास्तविक तथा उल्टा
प्रतिबिंब बनता है ।
आँखों की देखभाल के लिए घरेलू नुस्खे
आँखों
की देखभाल बहुत जरुरी होती है क्योंकि आखें शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है| ऐसा कहा
गया है की
सभी इंद्रियों में आंखें ही श्रेष्ठ हैं। आंखों की उचित देखभाल के करने के लिए हम
आपको बताएँगे खास टिप्स साथ ही साथ कुछ घरेलू नुस्खे जिनकी सहायता से आप पाएंगे स्वस्थ
और सुंदर आंखें।
आँखों की देखभाल के लिए 30 महत्वपूर्ण टिप्स
1)
आंखों में जब भी थकान का
अनुभव हो तो ठंडे पानी से छींटें मारने चाहिए, जिससे
आँखें तरोताजा बनी रहे ।
2)
कभी भी अंधेरे में, कम रोशनी में, तेज रोशनी में, तेज धूप में या ज्यादा झुककर व लेटकर लिखने-पढ़ने की आदत न डालें।
3)
प्रतिदिन प्रात:काल अपनी
आखों पर ठंडे व ताजे पानी से छींटें मारने चाहिए।
![]() |
4)
सर्दियों के दिनों में
प्रात:काल ओस की बूंदों को लेकर अपनी आंखों पर लगाना चाहिए।
5)
धूप में निकलते समय सदैव
धूप का चश्मा लगाना चाहिए।
6)
अगर आप प्रतिदिन अपनी
आंखों में काजल या सुरमा लगाते हों तो आँखों की देखभाल के लिए धीरे-धीरे छोड़ दें, क्योंकि काजल कभी-कभार ही लगाना अच्छा रहता है |
7)
खीरे के दो गोल टुकड़े
थोड़ी देर आंखों पर रखें।
9)
आंखों की देखभाल के
लिए प्रतिदिन कुछ सेकंड के लिए अपनी आंखों के कोनों, माथे
पर दबाव डालें। इससे आपको आराम महसूस होगा। आँखों की देखभाल के लिए यह अच्छा
व्यायाम है |
10)
आंखों की देखभाल के
लिए भोजन में विटामिन ‘ए’ युक्त पदार्थ लेने चाहिए, जैसे हरी पतेदार सब्जियां,
गाजर, पपीता, दूध। शरीर
में प्राकृतिक रूप से विटामिन ‘ए’ की
पूर्ति होने से आंखों की रोशनी कम नहीं होती है।
11)
आंखों में धूल
गिरने पर आंखों को मलें नहीं, बल्कि ठंडे
पानी के छींटे मारने चाहिए।
12)
आंखों को मसलने से
आंखों पर दबाव पड़ता है। यह दबाव आंखों के लिए नुकसान दायक होता है क्योंकि आंखें
हमारे शरीर का बहुत कोमल अंग होती है |
13)
आंखों को धुएं से
बचाएं। लंबे समय तक आंखों में निरंतर धुआं पड़ना नुकसानदेह है। धुएं वाले स्थान पर
कार्य करना पड़े तो चश्मा लगाना चाहिए।
14)
आंखों की देखभाल के
लिए किसी दूसरे का रुमाल उपयोग में न लाएं। किसी दूसरे के रूमाल का उपयोग करने से
संक्रमण की आशंका रहती है।
15)
एक ही डिब्बी में रखे
हुए काजल का उपयोग कई लोगों द्वारा करने पर भी संक्रमण की आशंका रहती है।
17)
गर्म पानी से आँखों
को धोना या सिर पर गर्म पानी डालकर नहाना भी आँखों के लिए हानिप्रद है।
18)
लंबे समय का तनाव
तथा अनिद्रा आंखों के लिए नुकसानदायक है।
19)
आंखों की सुरक्षा
के लिए तनाव से बचना चाहिए तथा गहरी नींद सोने का पूरा प्रयास करना चाहिए।
20)
कुनकुने (हल्के गर्म) दूध
में रुई का फोहा भिगोकर यदि आंखों पर कुछ देर रखा जाए तो कभी भी आँखों के नीचे
काले धब्बे नहीं पड़ेंगे।
21)
कपूर का इस्तेमाल भी
आंखों के लिए फायदेमंद है। इसके प्रयोग के दो तरीके हैं, एक तो कपूर काजल और दूसरा कपूर का लेप ।
22)
कपूर जलाकर उसके धुएं को
एक छोटी-सी डिबिया में रख लें और हर रोज लगाएं।
23)
एक छोटी कटोरी में एक
चम्मच-भर असली घी गरम कर लें और इसमें एक या दो कपूर डालकर इतना गरम करें कि कपूर
और घी मिल जाएं। इसे रोज आंखों में लगाएं। आंखों
की देखभाल के लिए यह एक अच्छा घरलू उपाय है |
24)
आलू के पतले गोल टुकड़े
काटकर आंखों के नीचे मलें तो आंखों का कालापन दूर हो जायेगा।
25)
आंखों में जलन हो तो
गुलाब जल से धोना चाहिए। प्रात:काल स्वच्छ ठंडे पानी से आँखों को धोना ताजगी
प्रदान करता है।
26)
कच्ची गाजर या बादाम की 5-6
गिरियां प्रातः छिलका उतारकर खूब पीसकर एक गिलास गर्म मीठे दूध
के साथ 21 दिन पीते रहें। आंखों के चारों ओर का कालापन
जाता रहेगा।
27)
आंखों में चमक लाने के
लिए एक गिलास गुनगुने पानी में छोटा चम्मच शहद मिलाकर पानी ठंडा होने पर दिन में
तीन-चार बार आँखों को धोएं। इससे आँखों में ताजगी आएगी।
28)
आंखों में चमक लाने के
लिए एक गिलास गुनगुने पानी में छोटा चम्मच शहद मिलाकर पानी ठंडा होने पर दिन में
तीन-चार बार आँखों को धोएं। इससे आँखों में ताजगी आएगी।
29)
दो-तीन (Amla)
आंवलों को एक गिलास पानी में रात को भिगो दें। सवेरे आंवले निकाल
दें और उस पानी से आँखों को छींटें दें। ऐसा करीब दो हफ्ते करें। पीलापन, जलन, खुजली दूर हो जाएगी।
30)
रात को सोने से पहले
गुलाबजल की कुछ बूंदें आंखों में डालें। इससे आंखों की दिन-भर की थकान दूर हो जाती
है और आंखें हल्कापन महसूस करती हैं।











No comments: